भारत भाग्य विधाता बुक PDF (स्वामी दयानन्द सरस्वती)

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Name

Bharat Bhagya Vidhata Book

Language

Hindi

Source

Vediclibrary.in

Category

Books

26 MB

File Size

49

Total Pages

08/06/2023

Last Updated

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भारत भाग्य विधाता बुक PDF (स्वामी दयानन्द सरस्वती)

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Bharat Bhagya Vidhata Book

वेदोद्धारक दयानन्द- वेदों के सम्बन्ध में भ्रान्तियॉं महाभारत-काल से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व उत्पन्न होने लगीं थीं। किन्तु तत्कालीन ऋषियों की जागरूकता के कारण अभी उनका विस्तार नहीं हुआ था। तत्पश्चात्‌ भी कुछ समय तक भगवान्‌ वेदव्यास और उनकी शिष्य-परम्परा वैदिक ज्ञान को कुछ काल तक अपने स्वरूप में सुरक्षित रखने में प्रयत्नशील रही। जैमिनि वेदव्यास के साक्षात्‌ शिष्य थे। शायद इसी कारण स्वामी दयानन्द ने अपने ग्रन्थों में अनेकत्र “ब्रह्मा से जैमिनि पर्यन्त” शब्दों का प्रयोग किया है।

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वैदिक वाड्‌मय के कतिपय महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ जो सम्प्रति उपलब्ध हैं, उसी काल के हैं। यह स्थिति जैसे-तैसे महाभारत-काल के सौ-दौ सौ वर्षों तक बनी रही। तत्पश्चात्‌ वैदिक युग तेजी से समाप्ति की ओर बढने लगा। परिणामत: मानवजाति शतश: मत-मतान्तरों में विभक्त होने लगी। सायणाचार्य से पूर्ववर्ती आचार्यो के वेदार्थ को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यास्क आदि आप्त ऋषियों के वेदार्थ की परम्परा न्यूनाधिक रूप में उन आचार्यों तक बनी रही। मध्यकाल तक आते-आते वेदों का प्रयोजन द्रव्यमय यज्ञों के अनुष्ठान तक सीमित हो गया और इस प्रकार आर्ष परम्परा धीरे-धीरे ह्रासोन्मुख होकर लुप्तप्राय-सी हो गई।

यहां हमने पुस्तक से एक सार साझा किया। यदि आप दयानंद सरस्वती की भारत भाग्यविधाता पुस्तक को डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।

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