लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF | Laxmi Puja Vidhi in Hindi

Laxmi Puja Vidhi Mantra Sahit PDF

Name

Laxmi Puja Vidhi Mantra Sahit

Language

Hindi

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Multiple Source

Category

Religious

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06/11/2023

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लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF | Laxmi Puja Vidhi in Hindi

यदि आप सम्पूर्ण लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF में खोज रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं। इस पोस्ट के अंत में, हमने लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित हिन्दी PDF को मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए एक बटन जोड़ा है।

लक्ष्मी पूजन

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। जैसा की आप सभी को पता हैं दिवाली पर लोग अपने-अपने घरों में घी के दिए जलाते हैं तथा माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित कर के दोनों की पूजा पुरे विधि और विधान से करते हैं। ऐसा मन जाता है कि अगर हम दिवाली पर लक्ष्मी गणेश की पूजा करते हैं तो माता लक्ष्मी और भगवान गणेश हमे धन वैभव और शांति देते हैं। भगवान गणेश को बुद्धि का देवता कहा जाता हैं। इसीलिए हर मंगल कार्य में सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती हैं।

दीपावली का त्यौहार यानी धन और समृद्धि का त्यौहार इस दिन गणेश और माता लक्ष्मी के साथ ही साथ भगवान कुबेर, सरस्वती और काली माता की पूजा की जाती है। लक्ष्मी जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही इन्हे धन,संपदा, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।

लक्ष्मी पूजन विधि

  • लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम से ही शुरू हो जाता है।
  • एक नया लकड़ी का खंभा, सिंहासन पर एक नया लाल कपड़ा बिछाते हुए, श्री लक्ष्मी श्री
  • गणेश जी की मूर्ति रखनी चाहिए। इसके बाद श्री लक्ष्मी को श्री गणेश के दाहिनी ओर रखना चाहिए।
  • श्री लक्ष्मीजी और गणेशजी की मूर्तियों के सामने चावल के दानों के ऊपर जल, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, रत्न, चांदी के सिक्कों से भरा कलश रखना होता है।
  • इसके बाद कलश पर सिंदूर या रोली से स्वास्तिक बना लें। कलश पर चावल से भरा बर्तन रखकर नारियल को लाल कपड़े के हथियार से लपेटे हुए नारियल के ऊपर 11 बार या 11 बार लपेट दें।
  • उसके बाद चावल, धूप, फूल चढ़ाएं और निरंतर दीपक जलाएं।
  • घर के मुखिया को दिवाली पूजा की शुरुआत करनी चाहिए। परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ बैठकर पूजा में भाग लेना चाहिए।

लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
द्यौः शांतिः अंतरिक्षगुं शांतिः पृथिवी शांतिरापः
शांतिरोषधयः शांतिः। वनस्पतयः शांतिर्विश्वे देवाः
शांतिर्ब्रह्म शांतिः सर्वगुं शांतिः शांतिरेव शांति सा
मा शांतिरेधि। यतो यतः समिहसे ततो नो अभयं कुरु ।
शंन्नः कुरु प्राजाभ्यो अभयं नः पशुभ्यः। सुशांतिर्भवतु ॥ 

माता लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

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